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प्राचीन बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ नवरात्र पर्व का शुभारंभ

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यूपी – गाजियाबाद सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष महंत नारायण गिरि महाराज के सानिध्य में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर परिसर स्थित श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ में सोमवार को नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की गई। महाराजश्री ने द्वारका पुरी, दिल्ली गेट के प्राचीन देवी मंदिर बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ किया।

श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ में घट स्थापना के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया और पीठ के 55 विद्यार्थियों ने महाराजश्री के मार्गदर्शन में श्री दूधेश्वर के भक्तों, माता रानी के भक्तों व गाजियाबाद वासियों के कल्याण के लिए कष्ट निवारण मंत्र का जाप किया। सोमवार का दिन व पहला दिन होने से श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में भक्तों की भीड उमडी और गाजियाबाद के साथ कई शहरों से भक्त भगवान दूधेश्वर व मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। उन्होंने महंत नारायण गिरि महाराज से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर महंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि नौ दिनों का उत्सव नवरात्र देवी दुर्गा के नौ रूपों की साधना और उपासना के लिए समर्पित होता है। इन दिनों भक्त माता से शक्ति, साहस, समृद्धि और परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र में माता की पूजा करने से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा, धन-धान्य और खुशहाली बनी रहती है। महाराजश्री ने श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की शाखा दिल्ली गेट के प्राचीन देवी मंदिर बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर में घट स्थापना व पूजा-अर्चना कर नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार काशी विश्वनाथ मंदिर से अन्नपूर्णा मंदिर व संकट मोचन मंदिर जुडा है, उसी प्रकार श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर से बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर व चौपला का हनुमान मंदिर जुडा है। इसी कारण बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर माता रानी कृपा करती हैं और उनके सभी दुखों को दूर कर उनके जीवन को सुखों से भर देती हैं। महंत नारायण गिरि महाराज के शिष्य जूना अखाड़े के सचिव व बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने महाराजश्री का स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि मंदिर में नौ दिन तक प्रतिदिन मां की पूजा-अर्चना करने के लिए हजारों भक्त आएंगे। माता रानी का भव्य श्रृंगार होगा। दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा। सांयकाल प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती यज्ञ का आयोजन कराया जाएगा जिसके यज्ञमान अतुल जी होंगे।