100 प्रतिभागियों और 25 प्रस्तुतकर्ताओं ने की सक्रिय भागीदारी
यूपी – गाजियाबाद 12 सितम्बर शिक्षा विभाग (बी.एड.) द्वारा “भारतीय ज्ञान प्रणाली और समकालीन शिक्षा” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस शैक्षणिक आयोजन में देशभर से 100 प्रतिभागियों और 25 शोध प्रस्तुतकर्ताओं ने भाग लिया।

संगोष्ठी का शुभारम्भ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ। मुख्य वक्ता प्रो. सीमा कोहली (एम.एम.एच. कॉलेज, गाजियाबाद) रहीं। विशिष्ट अतिथियों में प्रो. सारिका शर्मा (जामिया मिल्लिया इस्लामिया), डॉ. कुशाग्र (एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा) और प्रो. अजीत कुमार बोहत (दिल्ली विश्वविद्यालय) शामिल रहे।
संस्थान के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने अपने संबोधन में भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने आईकेएस की प्रासंगिकता और उसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता प्रो. सीमा कोहली ने वेद, उपनिषद और आयुर्वेद की उपयोगिता पर विचार प्रस्तुत किए।

पहले दिन हुए तकनीकी सत्र में शोधकर्ताओं ने भारतीय ज्ञान प्रणाली और नई शिक्षा नीति 2020, मानसिक-भावनात्मक स्वास्थ्य, शिक्षा में आईकेएस की प्रासंगिकता तथा दृश्य माध्यमों द्वारा संवर्धन जैसे विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। दूसरे दिन 14 विद्वानों ने शिक्षक प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम विकास के व्यावहारिक मॉडल, छात्र दृष्टिकोण, भारतीय और वैश्विक संस्कृतियों का संबंध तथा विश्व शांति में आईकेएस की भूमिका पर प्रस्तुतियाँ दीं।
समापन अवसर पर जैना सुशील ने संगोष्ठी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रमाण पत्रों का वितरण निदेशक, एचओडी बी.एड. और एचओडी डी.एल.एड. द्वारा किया गया। अंत में संयोजक डॉ. किरण जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।